Jamshedpur : नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ द्वारा “भारतीय न्याय शासन” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्रा उपस्थित थे।
अपने संबोधन में अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्रा ने कहा कि भारतीय न्याय प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने की जरूरत है ताकि नागरिकों को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिल सके। उन्होंने कहा, “भारतीय न्याय प्रणाली में कई प्रयासों के बावजूद त्वरित न्याय प्राप्त करना अभी भी एक चुनौती है। आम नागरिकों की न्याय व्यवस्था में आस्था है और हमें उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए निरंतर सुधार करने की आवश्यकता है।”
कार्यशाला के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डालते हुए नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के उप कुलपति और इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) आचार्य ऋषि रंजन ने बताया कि इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य भारतीय न्याय संहिता की जटिलताओं को सरल तरीके से विद्यार्थियों तक पहुंचाना है। इसके अलावा, भारतीय न्याय प्रणाली के समकालीन कानूनी विमर्श में इसके महत्व, निहितार्थ और प्रासंगिकता को भी समझाना है। उन्होंने कहा, “हमारी न्याय व्यवस्था प्राचीन और समृद्ध है, और भारत के न्यायालयों ने कई जटिल मामलों का कुशलता से निपटारा किया है, जिससे विश्व के अन्य देशों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत हुआ है।”
कार्यशाला में विधि विभाग के विभिन्न सत्रों के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी की। कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए विभाग ने नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलसचिव नागेंद्र सिंह और अन्य संकाय सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित थे।
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