Adwik / Jamshedpur : ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने देश-दुनिया में सुप्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गुरुवार को जमशेदपुर स्थित अपने एग्रिको आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए दास ने कहा कि रतन टाटा का जाना न केवल टाटा परिवार और जमशेदपुर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि टाटा परिवार के साथ-साथ उद्योग और समाज सेवा के क्षेत्र में रतन टाटा का योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणादायक रहेगा।
रघुवर दास ने बताया कि रतन टाटा ने टाटा समूह को न केवल मजबूत किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसे एक प्रतिष्ठित नाम बनाया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने उद्योग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास किया और साथ ही समाज के कमजोर वर्गों के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने कहा कि रतन टाटा के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता, और उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने समाज सेवा के कई आयाम स्थापित किए।
रघुवर दास ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने टाटा कंपनी में एक मजदूर के रूप में अपना करियर शुरू किया था। यह उनके जीवन का एक गौरवपूर्ण क्षण था जब वह मुख्यमंत्री बने, और इस यात्रा में रतन टाटा का स्नेह और मार्गदर्शन उन्हें हमेशा मिलता रहा। उन्होंने 2017 में ‘मोमेंटम झारखंड’ के दौरान रतन टाटा से हुई मुलाकात को याद किया, जब उन्होंने टाटा समूह के तत्कालीन चेयरमैन सायरस मिस्त्री से रतन टाटा से मिलने की इच्छा व्यक्त की थी।
रतन टाटा ने झारखंड के विकास के प्रति गहरी रुचि दिखाई थी, और ‘मोमेंटम झारखंड’ के दौरान उन्होंने राज्य की प्राकृतिक संपदाओं और यहां के मेहनती लोगों की प्रशंसा की थी। रघुवर दास ने बताया कि उन्होंने रतन टाटा से झारखंड में कैंसर अस्पताल की आवश्यकता पर चर्चा की थी। इस पर रतन टाटा ने राज्य में कैंसर अस्पताल की स्थापना के लिए सहमति दी थी, और इसके लिए 22 एकड़ जमीन मात्र 1 रुपये के प्रतीकात्मक शुल्क पर टाटा समूह को दी गई थी। 10 नवंबर 2018 को रतन टाटा ने झारखंड में कैंसर अस्पताल की नींव रखी, और आज वह अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है, जहां कैंसर के मरीजों का इलाज हो रहा है।
रघुवर दास ने कहा कि रतन टाटा का निधन उनके लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वह केवल एक महान उद्योगपति नहीं थे, बल्कि सरल और सच्चे व्यक्तित्व के धनी थे, जो अपने वचनों का पालन करते थे। दास ने बताया कि रतन टाटा हमेशा इस बात पर गर्व करते थे कि टाटा स्टील के एक साधारण मजदूर ने झारखंड के मुख्यमंत्री के पद तक की यात्रा तय की है। रतन टाटा का यह विनम्र स्वभाव और देश के प्रति उनकी सेवा हमेशा याद रखी जाएगी।
रतन टाटा के योगदान को याद करते हुए रघुवर दास ने कहा कि रतन टाटा का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उनके द्वारा किए गए कार्यों और समाज के प्रति उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। टाटा समूह के विकास और समाज कल्याण के लिए किए गए उनके प्रयास देश के औद्योगिक और सामाजिक ढांचे के विकास में हमेशा एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहेंगे।
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