चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगल स्थित जराईकेला थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के विस्फोट में एक नाबालिग लड़की की मौत हो गई। यह घटना 7 जनवरी की सुबह की है। पुलिस अधीक्षक अशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि की है। ग्रामीणों के अनुसार, तिरिलपोसी गांव की एक नाबालिग लकड़ी इकट्ठा करने के लिए जंगल गई थी। यह क्षेत्र तिरिलपोसी और थोलकोबाद की सीमा पर स्थित रादापोड़ा इलाके में पड़ता है। लकड़ी जमा करते समय नाबालिग का पैर नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर IED पर पड़ गया। विस्फोट इतना तेज था कि लड़की की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतका का ननिहाल थोलकोबाद गांव में है।
सारंडा जंगलों में फैले नक्सली खतरों का केंद्र
सारंडा और उसके आसपास के जराईकेला और छोटानागरा थाना क्षेत्र के जंगल नक्सलियों की गतिविधियों के मुख्य केंद्र बन चुके हैं। नक्सलियों ने इन जंगलों में बड़ी संख्या में IED विस्फोटक लगा रखे हैं। इन विस्फोटकों का उद्देश्य पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बनाना है। हाल ही में नवाडीह गांव के एक युवक की भी इसी प्रकार के IED विस्फोट में मौत हुई थी।
इन घटनाओं के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। नक्सली गतिविधियों को खत्म करने और जंगलों से IED हटाने के लिए अभियान जारी है। पुलिस ने ग्रामीणों को जंगलों में सतर्कता बरतने की अपील की है। नक्सलियों द्वारा लगाए गए ये विस्फोटक ग्रामीणों के जीवन के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए स्थानीय लोगों को जागरूक करना और नक्सली खतरों को खत्म करना प्राथमिकता है।
पुलिस का सर्च ऑपरेशन और बढ़ता खतरा
इन घटनाओं के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। नक्सली गतिविधियों को खत्म करने और जंगलों से IED हटाने के लिए अभियान जारी है। पुलिस ने ग्रामीणों को जंगलों में सतर्कता बरतने की अपील की है। नक्सलियों द्वारा लगाए गए ये विस्फोटक ग्रामीणों के जीवन के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए स्थानीय लोगों को जागरूक करना और नक्सली खतरों को खत्म करना प्राथमिकता है।