Jamshedpur (Jharkhand) : जमशेदपुर की प्रतिष्ठित अरका जैन यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय परिसर शनिवार को “योग संगम” नामक एक भव्य कार्यक्रम से जीवंत हो उठा। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तत्वावधान में और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार आयोजित इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की महत्वपूर्ण अवधारणा पर आधारित था। इस विशेष आयोजन के माध्यम से विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने यह सशक्त संदेश दिया कि “योग मात्र एक शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह जीवन को समग्र रूप से देखने और जीने का एक अनुपम दर्शन है।”

प्रख्यात योग प्रशिक्षिका ने सिखाए “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के मायने
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण जानी-मानी योग प्रशिक्षिका शर्मिष्ठा रॉय रहीं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को न केवल योगासन, प्राणायाम और योग निद्रा का अभ्यास कराया, बल्कि “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की गहरी अवधारणा पर भी विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने बड़े ही सरल शब्दों में समझाया कि किस प्रकार मानव का स्वास्थ्य और पर्यावरण का संतुलन आपस में अटूट रूप से जुड़ा हुआ है, और योग इस नाजुक संतुलन को बनाए रखने में एक अत्यंत शक्तिशाली भूमिका निभा सकता है। उनके कुशल मार्गदर्शन में सभी प्रतिभागियों ने पूरे उत्साह और जोश के साथ योगाभ्यास में भाग लिया, जिससे विश्वविद्यालय के पूरे वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो गया।

कुलपति ने योग को बताया भारत की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर
विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. (डॉ.) अंगद तिवारी ने इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए अपने संबोधन में कहा कि “योग भारत की एक ऐसी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है, जो न केवल हमारे अंदरूनी मन को शांति प्रदान करती है, बल्कि पूरे समाज में एकता और सद्भाव की भावना को भी बढ़ावा देती है।” उन्होंने सभी छात्रों और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे योग को अपनी दैनिक जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाएं।

कुलसचिव ने सराही युवाओं की सक्रिय भागीदारी
कुलसचिव डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव ने “योग संगम” कार्यक्रम की शानदार सफलता के लिए आयोजकों और इसमें भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि योग को अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक जीवन में शामिल करके हम न केवल अपनी कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा सकते हैं, बल्कि जीवन में आने वाले तनाव को भी प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं।
आधुनिक जीवनशैली में योग की आवश्यकता पर दिया गया जोर
कार्यक्रम की शुरुआत में समारोह के नोडल अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पाठक ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम का संचालन करते हुए आज की भागदौड़ भरी आधुनिक जीवनशैली में योग की बढ़ती हुई आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि “योग न केवल हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।”
संयोजिका ने जताया सभी के प्रति आभार
कार्यक्रम की संयोजिका प्रो. उषा किरण बारला ने कार्यक्रम के अंत में सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले सभी सम्मानित अतिथियों, कुशल प्रशिक्षकों, सक्रिय प्रतिभागियों और समर्पित स्वयंसेवकों के प्रति अपना गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम निश्चित रूप से योग को एक स्वस्थ जीवनशैली के रूप में अपनाने और वैश्विक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रेरणास्रोत साबित होगा। अरका जैन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इस अवसर पर कहा कि “योग संगम” कार्यक्रम न केवल योग की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि योग किस प्रकार वैश्विक स्वास्थ्य और सामूहिक चेतना को मजबूत करने का एक प्रभावशाली माध्यम बन सकता है।