Adwik / Jamshedpur : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा की पहली सूची जारी होते ही पार्टी में असंतोष की लहर दौड़ गई है, जिसके चलते इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया है। पोटका से पूर्व विधायक मेनका सरदार ने शनिवार को सूची जारी होते ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद रविवार को खरसावां से टिकट के प्रबल दावेदार रहे गणेश महाली ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि पार्टी अब पहले जैसी नहीं रही और बाहरी लोगों का वर्चस्व हावी हो गया है।
इस बीच, अटकलें हैं कि भाजपा को एक और बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राय भी पार्टी छोड़ने का मन बना चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, वे जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने फैसले की घोषणा कर सकते हैं। रविंद्र राय ने संकेत दिया है कि वे पार्टी नेतृत्व से बेहद नाराज हैं और भाजपा अब “नाम की पार्टी” रह गई है, जिसमें पहले जैसा संस्कार और चरित्र नहीं बचा है।
राय के समर्थकों का मानना है कि पार्टी अब पूरी तरह से परिवारवाद में उलझ गई है। अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा, रघुवर दास, और ढुलू महतो जैसे नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट दिए जाने पर वे सवाल उठा रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि आम कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी में अब कोई स्थान नहीं बचा है और यह पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा देने में जुटी है।
रविंद्र राय, जिन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 37 सीटों पर जीत दिलाई थी, पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं। यदि वे पार्टी छोड़ते हैं, तो इसका भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर गंभीर असर पड़ सकता है।
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