- अपने ही बयान पर घिरे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता…!
Jamshedpur : जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट पर जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक माहौल में नई गरमाहट आ गई है। इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी और राज्य सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता के हालिया बयान ने लोगों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। एक सभा के दौरान मुस्लिम और अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में उन्होंने खुद को “कट्टर हिंदुओं के विरोध में खड़ा” बताया। यह बयान उनके चुनावी रणनीति का हिस्सा था या नहीं, लेकिन इससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या वे सभी समुदायों के नेता हैं या केवल एक विशेष समुदाय के? यह बयान न केवल विवादास्पद है बल्कि उनके चुनावी अभियान को भी प्रभावित कर सकता है।
जदयू के गुलाम रसूल बलियावी का हेमंत सरकार पर प्रहार
वहीं दूसरी ओर, हेमंत सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस को लेकर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने मुसलमानों के हितों की उपेक्षा की है और इस समुदाय के लिए वादों को पूरा नहीं किया। बलियावी ने आरोप लगाया कि सरकार ने पांच साल में मदरसा बोर्ड का गठन नहीं किया और मुस्लिम समुदाय के मामलों पर निष्क्रिय रही है। साथ ही, उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि वे जाति और मजहब के नाम पर वोट न दें। बलियावी के इस बयान से मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं में भी कांग्रेस के प्रति असंतोष पैदा हो सकता है।
सरयू राय की सादगी और ईमानदारी पर जनता का भरोसा
इन घटनाओं के बीच, एनडीए के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री सरयू राय का नाम क्षेत्र में सबसे मजबूत विकल्प के रूप में उभर रहा है। जमशेदपुर के मतदाता सरयू राय को एक ऐसे नेता के रूप में देखते हैं, जिन्होंने हमेशा जाति और धर्म से ऊपर उठकर राजनीति की है। अपनी सादगी, ईमानदारी और जनता के हित में किए गए कामों के कारण राय का जनता के बीच गहरा विश्वास है। उनके प्रचार में विकास और मुद्दा-आधारित बातों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे वे विभिन्न समुदायों के मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं।
चुनाव प्रचार में आपराधिक तत्वों के शामिल होने के आरोप
बन्ना गुप्ता के चुनाव अभियान में आपराधिक छवि वाले लोगों के शामिल होने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं, जिससे उनकी छवि पर असर पड़ रहा है। उनके विरोधियों का दावा है कि ऐसे लोगों के सहयोग से चुनाव प्रचार करना उनके आचार-व्यवहार और विचारों पर सवाल खड़ा करता है। इन आरोपों ने मतदाताओं के बीच उनकी छवि को प्रभावित किया है और उनके लिए चुनाव जीतने का रास्ता और भी कठिन बना दिया है।
क्षेत्रीय विकास के मुद्दों पर हो रहा फोकस
इस बार के चुनाव में मतदाता जाति और धर्म की राजनीति के बजाय क्षेत्रीय विकास के मुद्दों पर ध्यान देने लगे हैं। मतदाताओं में रुझान यह देखने को मिल रहा है कि वे उन नेताओं को चुनना चाहते हैं, जो क्षेत्र के विकास, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर काम करें। इस बदलते रुख से यह स्पष्ट हो रहा है कि मतदाता अब धर्म और जाति की राजनीति को दरकिनार करते हुए क्षेत्रीय विकास के लिए सही विकल्प चुनने के पक्ष में हैं।
जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा में इस बार धर्म और जाति से ऊपर उठकर मतदान का माहौल बनता नजर आ रहा है। बन्ना गुप्ता के विवादित बयान, बलियावी के तीखे प्रहार, और सरयू राय की ईमानदार छवि ने चुनावी समीकरण को प्रभावित किया है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किसे चुनते हैं और क्या इस बार क्षेत्र में विकास और समृद्धि के मुद्दों को प्राथमिकता दी जाती है।