– स्थल का जायजा लेने के बाद सरयू राय ने उपायुक्त को लिखा पत्र, आवंटन प्रक्रिया पर उठाए सवाल
– स्थानीय विधायक सह मंत्री बन्ना गुप्ता पर लगाया आरोप
Jamshedpur : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कदमा में टाटा वर्कर्स यूनियन विद्यालय की चहारदीवारी के समीप बन रहे टीन शेड की दुकानों के आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिखा है। राय ने बताया कि शनिवार को उन्होंने स्थानीय लोगों के बुलाने पर उस इलाके का दौरा किया, जहां एक दिव्यांग दुकानदार ने शिकायत की कि उसे दुकान नहीं दी जा रही है। कई अन्य दुकानदारों ने भी इसी तरह की शिकायतें कीं।
दुकानदारों से जानकारी लेने पर राय को पता चला कि स्वास्थ्य मंत्री के परिवार और उनके निकटस्थ कांग्रेस कार्यकर्ता मनमाने तरीके से दुकानों का आवंटन कर रहे हैं। कुछ दुकानदारों ने आरोप लगाया कि उनसे दुकानों के आवंटन के लिए खर्च की मांग की जा रही है। राय ने इसे उचित नहीं मानते हुए इस पर रोक लगाने की आवश्यकता जताई।
राय ने पत्र में लिखा है कि सड़क के चौड़ीकरण के लिए टाटा वर्कर्स यूनियन विद्यालय की चहारदीवारी को पीछे हटाया गया है, और इसके निकट टीन शेड की दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। इन दुकानों का क्षेत्रफल मात्र आठ गुणा छह फीट है। उन्होंने पूछा कि दुकानों का निर्माण किस निधि से हुआ है और आवंटन की प्रक्रिया क्या है। दुकानदारों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
राय ने आगे बताया कि उन्होंने टाटा स्टील के लैंड डिपार्टमेंट और जेएनएसी के उप नगर आयुक्त से फोन पर बात की, लेकिन दोनों ने इस मामले में अनभिज्ञता प्रकट की। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित दुकानदारों को दुकानें आवंटित की जानी हैं, तो दुकानों के बीच के पार्टिशन को हटा कर एक बड़ी दुकान के रूप में आवंटन किया जाना चाहिए ताकि दुकानदार बेहतर तरीके से व्यवसाय कर सकें।
राय ने चिंता व्यक्त की कि सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित दुकानदारों की संख्या से तीन गुना अधिक दुकानों का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए स्पष्ट आवंटन प्रक्रिया की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दुकानों के निर्माण में सरकारी निधि का उपयोग हो रहा है या नहीं, यह भी स्पष्ट होना चाहिए, ताकि आवंटन के नाम पर दुकानदार धोखाधड़ी का शिकार न हों।
सरयू राय ने अंत में यह भी उल्लेख किया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है, इसलिए दुकानों का आवंटन विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए।
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