Jamshedpur : जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर इस बार की चुनावी जंग में भाजपा की प्रत्याशी पूर्णिमा साहू और कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार के बीच प्रतिस्पर्धा की दिशा ही बदलती जा रही है। डॉ. अजय और कांग्रेस नेता अपनी प्रतिद्वंद्वी पूर्णिमा के बजाय रघुवर दास के 25 वर्षो के विधायक व मुख्यमंत्रित्वकाल को निशाना बना रहे हैं। हालांकि ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास इस चुनावी दृश्य में कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं, बावजूद कांग्रेस लगातार उन्हें निशाने पर ले रही है। बता दें कि भाजपा ने जहां लौहनगरी की बहू और समाजसेवी पूर्णिमा साहू को चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व आईपीएस अधिकारी व जमशेदपुर के पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार की रणनीति पहले पूर्णिमा साहू को व्यक्तिगत स्तर पर निशाना बनाने की थी। इस पर जमशेदपुर के विभिन्न हिस्सों के नागरिकों ने नाराजगी जताते हुए कांग्रेस के इस कदम को अनुचित ठहराया। इसके साथ ही रघुवर दास को लेकर आ रहे कांग्रेस के बयानों के बाद आम लोग भी सवाल उठाने लगे हैं। लोगों का कहना है कि जब घर का कोई सदस्य पंचायत चुनाव भी लड़ता है, तो पूरा परिवार मनोबल बढ़ाने के लिए जुट जाता है। ऐसे में यदि राज्यपाल रघुवर दास अपने घर आ ही गये तो इस पर हाय तौबा नहीं मचनी चाहिए।
कहीं न कहीं कांग्रेस की छवि प्रभावित
जमशेदपुर पूर्वी के नागरिकों का कहना है कि चुनावी मुद्दों से हटकर व्यक्तिगत और पारिवारिक टिप्पणियों ने कहीं न कहीं कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाया है। कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि व्यक्तिगत हमले चुनावी सभ्यता के खिलाफ हैं और इसमें नारी सम्मान का भी हनन होता है।
पूर्णिमा साहू पर टिप्पणी बनी गलत संदेश का कारण
दरअसल, हाल के दिनों में डॉ. अजय कुमार ने भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा साहू के पारिवारिक जीवन और उनके निजी मामलों पर टिप्पणियां की थीं, जो जमशेदपुर पूर्वी और पूरे जमशेदपुर में गलत संदेश देने का कारण बनी। डॉ. अजय के बयान को लेकर लोगों में नाराजगी इतनी बढ़ी कि कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी। इस घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने यह महसूस किया कि व्यक्तिगत आक्षेपों के कारण उनकी छवि को आघात पहुंचा है।
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पूर्णिमा के बजाय रघुवर दास पर निशाना
अभी हाल ही में कांग्रेस ने अपने बयान का रुख बदलते हुए जमशेदपुर के पूर्व विधायक और ओडिशा के मौजूदा राज्यपाल रघुवर दास को निशाने पर लिया है। रघुवर दास, जो कि जमशेदपुर पूर्वी से पांच बार विधायक रह चुके हैं, अब कांग्रेस के मुख्य राजनीतिक हमलों का केंद्र बने हुए हैं। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जिला नेताओं का कहना है कि रघुवर दास ने वर्षों तक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया और केवल राजनीतिक लाभ उठाया।
चुनावी मुद्दों पर चर्चा हो : जनता
लोगों का कहना है कि इस चुनावी रणनीति में बदलाव से कांग्रेस अब भाजपा प्रत्याशी पर सीधे हमला नहीं कर रही है, बल्कि संवैधानिक पद पर बैठे रघुवर दास को अपनी बयानबाजी के केंद्र में रख रही है। डॉ. अजय कुमार ने हाल ही में कई बार रघुवर दास के कार्यकाल पर सवाल उठाए हैं, साथ ही मोमेंटम झारखंड जैसे परियोजनाओं की आलोचना की है, जिनका लाभ राज्य को अपेक्षित रूप से नहीं मिल पाया। जमशेदपुर पूर्वी के निवासी मानते हैं कि चुनावी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोपों पर।
मतदाताओं में निराशा
स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्णिमा साहू को लेकर कांग्रेस के व्यक्तिगत हमलों ने पार्टी की छवि को धूमिल किया है। जहां एक ओर पूर्णिमा साहू एक समाजसेवी और लौहनगरी की बहू हैं, वहीं उनके खिलाफ व्यक्तिगत हमलों ने मतदाताओं को निराश किया है। इसके मद्देनजर कांग्रेस को यह समझने पर मजबूर होना पड़ा कि व्यक्तिगत आरोपों की राजनीति इस बार के चुनाव में कारगर साबित नहीं होगी।
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जनता की पैनी नजर
अभी हाल के दिनों में कांग्रेस नेताओं की ओर से आ रहे बयानों ने यह साफ कर दिया है कि वे अब सीधे तौर पर पूर्णिमा साहू पर किसी तरह के व्यक्तिगत बयान से परहेज कर रहे हैं और मुद्दों को आधार बनाकर अपनी रणनीति बनाएंगे। हालांकि कांग्रेस की ओर से रघुवर दास के खिलाफ उठाए गए सवाल और उन पर केंद्रित बयानबाजी से साफ है कि पार्टी ने अब रणनीति बदलते हुए उन्हें मुख्य निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इधर, जमशेदपुर पूर्वी की जनता इस चुनावी रणनीति पर पैनी नजर रखे हुए है।
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ऐसे हुई शुरुआत
कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार की ओर से भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा साहू के खिलाफ बयान दिए जाने के बाद, भाजपा नेताओं ने मीडिया के समक्ष डॉ. अजय कुमार एसएसपी, टाटा मोटर्स में अधिकारी पूर्व सांसद रहते हुए उनके कार्यों की चर्चा की। इस दौरान उन्होंने डॉ. अजय कुमार के इन विभिन्न कार्यकाल कोई याद करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। इससे पूर्व चुनाव की घोषणा के पश्चात उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास के शहर आने को लेकर डॉ. अजय ने आपत्ति जताई थी।