- शादी कि 50वीं सालगिरह पर शारदा सिन्हा ने लिखा था “पग पग लिए जाऊं तोहरी बालइयां…”
Jamshedpur : प्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा के पति, डॉ. ब्रज किशोर सिन्हा का रविवार को निधन हो गया। 80 वर्षीय डॉ. सिन्हा पिछले कुछ दिनों से ब्रेन हेमरेज के कारण वेंटिलेटर पर थे। दो दिन पहले घर में गिरने से उनके सिर में चोट आई थी, जिसके बाद ब्रेन हेमरेज की स्थिति उत्पन्न हो गई। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद, रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार पटना के गुलबी घाट पर किया जाएगा।
डॉ. ब्रज किशोर सिन्हा ने शिक्षा विभाग में बतौर रिजनल डिप्टी डायरेक्टर अपनी सेवाएं दी थीं, इसके बाद उन्होंने जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज (अब विश्वविद्यालय) में शिक्षा संकाय के प्राचार्य के रूप में कार्य किया। उनके निधन से शैक्षिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
शारदा सिन्हा के जीवन और करियर में डॉ. सिन्हा का योगदान अहम था। उन्होंने अपनी पत्नी को लोक संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए हर संभव सहयोग दिया। शुरुआत में शारदा सिन्हा की सास को उनके गाने गाने पर आपत्ति थी, लेकिन डॉ. सिन्हा ने परिवार को समझा-बुझाकर शारदा को अपने संगीत करियर में आगे बढ़ने का पूरा समर्थन दिया।
शारदा सिन्हा ने 2020 में अपने विवाह की 50वीं वर्षगांठ पर सोशल मीडिया पर पति के प्रति अपना प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त की थी। सुपर हिट फिल्म “मैंने प्यार किया” के हरदिल अजीज गीत, जिसे फिल्म में उन्होंने ने ही गया था वह गीत “कहे तोह से सजना… पग पग लिए जाऊं तोहरी बालइयां…” भी उन्होंने लिखा था। उन्होंने लिखा था, “आप एक स्तंभ बनकर हमेशा मेरे साथ खड़े रहे, हर कदम पर साथ दिया। आज हम अपने जीवन के उन अनमोल पलों को याद कर रहे हैं, जिनमें धैर्य, सहनशीलता, प्रेम और समर्पण की भावना थी।”
डॉ. ब्रज किशोर सिन्हा के निधन पर जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की पूर्व प्राचार्य और कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति, डॉ. शुक्ला मोहंती ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि कॉलेज में एमएड की पढ़ाई की शुरुआत के साथ ही डॉ. सिन्हा ने कॉलेज में योगदान किया। 2009 में उन्होंने वीमेंस कॉलेज में सेवा शुरू की और 2012 तक वहां शिक्षा संकाय के प्रमुख रहे। डॉ. सिन्हा का निधन शैक्षिक और संगीत दोनों ही क्षेत्रों के लिए एक बड़ी क्षति है।
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