यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ नर्सिंग में “रैगिंग के खिलाफ एकता” आधारित राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग सप्ताह-2024 आरम्भ
जमशेदपुर : अरका जैन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ नर्सिंग में बुधवार से राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग सप्ताह 2024 की शुरुआत हुई। यह आयोजन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देशन में किया जा रहा है। इस वर्ष का थीम है “रैगिंग के खिलाफ एकता” है।
विश्वविद्यालय प्रांगण में समारोहपूर्वक कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह हुआ। इसमें अतिथि के रूप में नर्सिंग स्कूल की प्रधानाचार्य प्रो जिनू एनी जोसेफ और उप प्राचार्य प्रो शिल्पा, ने शिरकत की। उनके साथ स्कूल ऑफ नर्सिंग की पल्लवी शरिन टोपनो, सहायक प्रोफेसर अंशुमाला खलखो, नर्सिंग ट्यूटर और नर्सिंग शिक्षण संकाय और नर्सिंग छात्र उपस्थित थे।
उद्घाटन भाषण करते हुए नर्सिंग प्रथम सेमेस्टर के छात्र अभिषेक कुमार यादव किया। उन्होंने रैगिंग के खिलाफ जागरूकता फैलाने और इसके खतरों से छात्रों को अवगत कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “रैगिंग केवल एक मजाक नहीं, बल्कि यह एक गंभीर अपराध है, जो छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। हमें इसे रोकने के लिए एकजुट होना होगा।”
नर्सिंग प्रथम सेमेस्टर के ही छात्र बिशाल कुमार ने थीम प्रस्तुति में कहा, “हमारा विश्वविद्यालय सदैव से ही रैगिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाने में अग्रणी रहा है। हम छात्रों को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इस सप्ताह के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रैगिंग के खिलाफ पोस्टर प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, माइम एक्ट, शॉर्ट फिल्म स्ट्रीम शामिल हैं। इसके अलावा, छात्रों को रैगिंग से बचने और इसके बारे में रिपोर्ट करने के तरीके बताए जाएंगे।
प्रो जिनू एनी जोसेफ ने कहा, “हमारा उद्देश्य छात्रों को यह समझाना है कि रैगिंग न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह मानवता के खिलाफ भी है। हम चाहते हैं कि हमारे छात्र एक-दूसरे का सम्मान करें और एक सकारात्मक सीखने के माहौल का निर्माण करें।”
छात्रों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और रैगिंग के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखाई। उन्होंने रंग-बिरंगे पोस्टर और बैनर बनाकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।
यह सप्ताह अरका जैन यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे रैगिंग के खिलाफ एकजुट हो सकते हैं और एक स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण का निर्माण कर सकते हैं।
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