- पायलट की गलती या कंपनी की लापरवाही?
Jamshedpur : सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट वीटी-ताज की चांडिल डैम में दुर्घटना के एक महीने बाद, अलकेमिस्ट एविएशन के प्रमुख मृणाल कांति पॉल ने मीडिया के सामने आकर इस हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। बिष्टुपुर स्थित बेल्डिह क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की और अपने संस्थान को पूरी तरह निर्दोष ठहराया। उन्होंने दुर्घटना के लिए पायलट को जिम्मेदार बताया। हालांकि, इस हादसे में जान गंवाने वाले प्रशिक्षक पायलट शत्रु जीत और ट्रेनी पायलट शुभोजीत के परिजनों ने कंपनी प्रबंधन पर धमकी देने सहित अन्य आरोप लगाए हैं। परिजनों ने मुख्यमंत्री से मिलकर यह भी आरोप लगाया है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान तकनीकी रूप से खराब स्थिति में था।
मीडिया के सामने पॉल और उनके मुख्य प्रशिक्षण अधिकारी कैप्टन अंशुमान ने AAIB की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पायलट शत्रु जीत को पांच मील की सीमा में उड़ान भरने की अनुमति थी, लेकिन उन्होंने आठ मील की दूरी तक विमान उड़ाया। इस तथ्य को उड़ान के दौरान पायलट द्वारा दी गई सूचना में रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि, वे इस सीमा उल्लंघन के अलावा पायलट या ट्रेनी की कोई अन्य गलती साबित करने में विफल रहे।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान पॉल और अंशुमान ने विमान के तकनीकी विवरण साझा करते हुए बताया कि यह एयरक्राफ्ट 1979 में निर्मित था और इसकी उड़ान की अनुमत अवधि 30,000 घंटे थी। 45 वर्ष पुराने विमान ने अब तक 16,000 घंटे की उड़ान ही पूरी की थी, जबकि 14,000 घंटे की उड़ान अभी भी बाकी थी। इसी वर्ष 15 जुलाई को इसका फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया गया था, जो 16 जुलाई 2025 तक वैध था। हालांकि, 20 अगस्त को यह हादसा हो गया। जब उनसे हर 50 घंटे के बाद मेंटेनेंस के बारे में पूछा गया, तो वे कोई स्पष्ट या संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने बताया कि मेंटेनेंस रिपोर्ट उनकी कंपनी द्वारा ही तैयार की जाती है, जिसे दुर्घटना के बाद जल्दबाजी में तैयार किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
इसके साथ ही, उन्होंने यह भी दावा किया कि पायलट शत्रु जीत को पानी और मैदानी इलाकों में विमान के साथ करतब करने का शौक था और यह दुर्घटना का एक संभावित कारण हो सकता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या इसके बारे में कंपनी को जानकारी थी, तो उन्होंने स्वीकार किया कि कंपनी को इस बात की जानकारी थी, बावजूद कंपनी के किसी पदाधिकारी ने उनकी कभी काउंसलिंग करने की जरूरत महसूस नहीं की। जांच रिपोर्ट में पायलट द्वारा उड़ान सीमा का उल्लंघन करने के अलावा अन्य किसी कारण का उल्लेख नहीं किया गया है।
मृणाल कांति पॉल ने इस दुर्घटना के लिए पूरी तरह पायलट को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की और अपनी कंपनी को निर्दोष बताया। उन्होंने AAIB की प्रारंभिक जांच को अंतिम मानकर पेश किया, हालांकि, प्रारंभिक रिपोर्ट में दुर्घटना के कोई ठोस कारण नहीं बताए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि विमान का इंजन फेल नहीं हुआ था और डैम से बाहर निकाले गए विमान की तस्वीर दिखाते हुए दुर्घटना के दौरान विमान का इंजन चालू रहने का दावा किया। उन्होंने कहा कि अगर इंजन बंद होता तो पंखों की स्थिति समान रूप से क्षतिग्रस्त नहीं होती, लेकिन उनका यह तर्क समझ से परे था। इसके अलावा, हादसे को लेकर कई और सवाल उठाए गए, जो कंपनी की निष्पक्षता पर संदेह पैदा कर सकते हैं।
मुआवजे के सवाल पर, पॉल ने कहा कि कंपनी मृतकों के परिजनों को बीमा क्लेम दिलाने में मदद करेगी, लेकिन कंपनी की ओर से मुआवजा देने के सवाल पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।