– ‘जीवन’ का विश्व आत्महत्या निवारण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित, संस्था के कार्यों की सराहना
जमशेदपुर, 10 सितंबर 2024: मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और आत्महत्याओं को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ‘जीवन’, जो मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम के लिए समर्पित एक संगठन है, ने बिष्टुपुर के माइकल जॉन ऑडिटोरियम में विश्व आत्महत्या निवारण दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम ‘बिफ्रेंडर्स वर्ल्डवाइड’ के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें यह संदेश दिया गया कि “आत्महत्या रोकी जा सकती है, और अवसाद का इलाज संभव है।”
कार्यक्रम में जागरूक नागरिकों, मानसिक स्वास्थ्य के समर्थकों और स्वयंसेवकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जमिपोल के प्रबंध निदेशक पीके घोष ने अपने प्रेरणादायी विचार रखे। उन्होंने विशेष रूप से कार्यस्थलों पर मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि संगठनों को उन कर्मचारियों के लिए समर्थन प्रणाली प्रदान करनी चाहिए जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
श्री घोष ने स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा संकटग्रस्त व्यक्तियों को परामर्श और सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से सहायता प्रदान करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर ज्योति पांडेय ने मुख्य वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने भावनात्मक समर्थन की महत्ता, अवसाद के लक्षणों की पहचान और मानसिक स्वास्थ्य पर खुले संवाद को बढ़ावा देने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी।
‘जीवन’ ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर स्कूल और कॉलेज स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। इन प्रतियोगिताओं में 17 स्कूलों और 4 कॉलेजों के 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। तीन मुख्य प्रतियोगिताएं नुक्कड़ नाटक, वाद-विवाद और टी-शर्ट पेंटिंग आयोजित की गईं, जो आरएमएस हाई स्कूल, खुंटाडीह के ऑडिटोरियम में हुईं।
कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। इस दौरान तीनों श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कृत भी वितरित किया गया।
कार्यक्रम में आत्महत्या की रोकथाम संबंधी गतिविधियों, उपलब्धियों और भविष्य की रणनीतियों पर आधारित वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में जीवन के निदेशक डॉ. जयराज जैन और उप निदेशक गुरप्रीत कौर भाटिया ने भी अपने विचार रखे। जीवन के संस्थापक डॉ. महावीर राम भी उपस्थित थे .
कार्यक्रम के माध्यम से समाज को एकजुट होकर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने और आत्महत्या जैसी गंभीर समस्या को रोकने का संदेश दिया गया l।
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