– एक्सएलआरआई में सीएचआरओ कॉन्क्लेव का आयोजन, शामिल हुए कई दिग्गज
Jamshedpur : एक्सएलआरआई में सीएचआरओ कॉन्क्लेव क्रोनोस 4।0 का समापन हो गया। ईस एचआर कॉन्क्लेव में दुनिया भर की कंपनियों में एचआर के क्षेत्र में होने वाली बेस्ट प्रैक्टिस पर सभी वक्ताओं ने चर्चा की। इस बार क्रोनोस का थीम था “एचआर फॉर द मॉर्डन लीडर : ब्रिजिंग द गैप बिटविन एचआर एंड नॉन एचआर फंक्शंस।” इस थीम पर करीब दर्जन भर दिग्गजों ने अपने अनुभव साझा किये। इस दौरान मुख्य रूप से यह बात उभर कर सामने आयी कि आने वाले दिनों में किसी भी इंडस्ट्री में एचआर की भूमिका काफी चुनौतीपूर्ण होने वाली है। एचआर में एआई की दखल बढ़ रही है। डेटा की मदद भी लेनी पड़ रही है।
कॉन्क्लेव के दौरान एक्सएलआरआई के डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर डॉ संजय पात्रो ने सभी वक्ताओं का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने मौजूदा दौर में एचआर सेक्टर में होने वाले महत्वपूर्ण व सकारात्मक बदलावों में एक्सएलआरआई की ओर से की जाने वाली पहल की जानकारी दी। इससे पूर्व उन्होंने एसोसिएट डीन डॉ पीसी प्रधान के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान प्रो. संजय पात्रो ने क्रोनोस कॉन्क्लेव के आयोजन में उनके प्रयासों के लिए समिति के सदस्यों की भी सराहना की। पहले पैनल डिस्कशन जिसका का शीर्षक “कैंपस हायरिंग वर्सेस मार्केट हायरिंग, स्ट्रेजिक डिफरेंस एंड बेनिफिट्स था।” इसमें वक्ता के रूप में एयरबस इंडिया के एचआर हेड व वीसी सूरज छेत्री, सिटी की सीनियर वीपी एचआर श्रुति श्रीवास्तव पवार, एक्सेस एसेट मैनेजमेंट के एचआर हेड हिमांशु मिश्रा, एक्सपर्ट ट्रेडिंग ग्रुप के टैलेंट मैनेजमेंट एंड एल एंड टी के हेड बिन्नी दावसन, केपीएमजी इंडिया के टीए हेड मिसाल उपस्थित थे।
कार्यक्रम में सभी ने अपने विचार रखे। सूरज छेत्री ने कहा कि कैंपस हायरिंग का फायदा यह होता है कि जब आप किसी कर्मचारी की नियुक्ति करते हैं तो उसके काम करने से पूर्व ही आप उसे जान रहे होते हैं। वहीं श्रुति श्रीवास्तव पवार ने कहा कि कंपनी की कार्य संस्कृति को मेंटेन रखने में एचआर का अहम रोल होता है। वहीं हिमांशु मिश्रा ने कहा कि कैंपस हायर और मार्केट हायर बिल्कुल अलग-अलग होता है। इसमें कैंपस हायर के माध्यम से जिन कर्मचारियों का चयन होता है, उनमें सीखने की तीव्र ललक होती है। वहीं, बिन्नी दावसन ने कहा कि आज के दौर में प्रैक्टिकल नॉलेज का होना काफी आवश्यक हो गया है। मार्केट हायरिंग पर उन्होंने बल लिया।
वहीं, मिसाल ने कहा कि किसी भी हायरिंग में 70 फीसदी उम्मीदवार की योग्यता पर, जबकि 30 फीसदी उसके स्किल पर फोकस किया जाता है। दूसरे दिन भी पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य रूप से डाटा ड्रिवन एचआर सिस्टम पर चर्चा की गयी। इसमें वक्ता के रूप में वेदांता के सीएचआरओ दिलीप सिन्हा, सदरलैंड ग्लोबल की एचआर हेड रेणु जेठानी, कोकीयो कैमलिन लिमिटेड के सीएचआरओ डॉ चद्रशेखर पी देशमुख, तेजस नेटवर्क के सीएचआरओ अभिजात मित्रा, यूनिटी बैंक के सीएचआरओ दीपू भट्टाचार्या उपस्थित थे।
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