विधायक सरयू राय ने कहा :-
- लगता है बन्ना गुप्ता ने अनुकम्पा के आधार पर यह नियुक्ति की
- राहुल कुमार के बहनोई भी 18 साल तक इसी पद पर रह चुके हैं
- राज्य सरकार को तत्काल इस नियुक्ति को खारिज कर देना चाहिए
जमशेदपुर : झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को निजी विश्वविद्यालय विधेयक-2024 पर बहस के दौरान फार्मेंसी एक्ट के उल्लेख के आधार पर विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर घोटाले का गंभीर आरोप लगाया। इस आरोप के समर्थन में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्गत एक आदेश को प्रस्तुत किया। उन्होंने सदन को बताया कि झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल में निबंधक सह सचिव के पद पर बन्ना गुप्ता ने एक ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति कर दी है, जिसकी योग्यता संदिग्ध है। साथ ही बताया कि निबंधक सह सचिव की इस औपबंधिक नियुक्ति के लिए विभागीय मंत्री ने जो आदेश जारी किया है उसमें कहा गया है कि राहुल कुमार को अस्थायी रूप से निबंधक सह सचिव, झारखंड फार्मेसी काउंसिल का प्रभार इस शर्त के साथ दिया जाता है कि इनकी योग्यता निबंधक सह सचिव, काउंसिल के लिए है अथवा नहीं, इसकी समीक्षा विभागीय स्तर पर कर ली जाए। यदि ये योग्य पाये जाते हैं तभी तत्संबंधित अधिसूचना निर्गत करें।
विधायक सरयू राय ने कहा कि झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल की नियमावली नहीं बनी है, जबकि इसका अधिनियम 1948 में बनाया गया था। इसमें प्रावधान है कि फार्मेसी काउंसिल के सदस्य मिलकर ही निबंधक एवं सचिव तय करेंगे। तत्पश्चात इसे राज्य सरकार की सहमति के लिए भेज देंगे। यानी स्वास्थ्य मंत्री स्वयं निबंधक की नियुक्ति के लिए अधिकृत नहीं है, परन्तु अनाधिकार चेष्टा करते हुए मंत्री बन्ना गुप्ता ने एक ऐसे व्यक्ति को निबंधक सह सचिव बना दिया है, जिसकी योग्यता के बारे में अधिसूचना में अंकित है कि ‘‘इनकी योग्यता निबंधक सह सचिव के लिए है अथवा नहीं, इसकी समीक्षा विभागीय स्तर पर कर ली जाय। बन्ना गुप्ता ने मनमाने तरीके से एक ऐसे व्यक्ति (राहुल कुमार) का चयन निबंधक और सचिव दोनों पदों के लिए किया है, जिनके बहनोई कौशलेन्द्र विगत 18 वर्षों से इसी पद पर थे और पद पर रहते हुए उनका देहांत हो गया। अतः ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अनुकम्पा के आधार पर यह नियुक्ति की है।
श्री राय ने सदन में कहा कि विभागीय संचिका में अंकित है कि इस पद की नियुक्ति के लिए 17 उम्मीदवारों ने आवेदन किया, जिसमें कतिपय सरकारी व्यक्ति भी शामिल थे। संचिका पर नीचे से ऊपर तक विभाग के अधिकारियों ने टिप्पणी लिखी है कि इस पद पर किसी सरकारी व्यक्ति की नियुक्ति की जाय, परन्तु स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अधिकारियों के मंतव्य की अनदेखी करते हुए संदिग्ध योग्यता वाले राहुल कुमार को बहाल कर दिया। जिन 17 व्यक्तियों ने इस पद के लिए आवेदन किया था, उनमें इस विषय के स्नातकोत्तर और पीएचडी धारक भी शामिल हैं, परन्तु मंत्री ने इनमें से किसी योग्य अभ्यर्थी को नियुक्त नहीं करके एक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया है, जिसकी योग्यता संदिग्ध है।
विधायक सरयू राय ने बताया है कि उन्होंने सदन में विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने चुनावी फंड एकत्र करने के लिए यह कार्य किया है और मुझे पता है कि कितनी राशि का भुगतान हो गया है और कितनी राशि का भुगतान शेष है। यह राज्य का दुर्भाग्य है कि एक ऐसा व्यक्ति स्वास्थ्य मंत्री है जिन पर घोटाले के आधा दर्जन आरोप वह स्वयं लगा चुके हैं। राज्य के अस्पतालों में उपयोग के लिए उच्च श्रेणी के उपकरणों की खरीद पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने रोक लगा दी है। ये सभी उपकरण जेम्स पोर्टल से खरीदे जाएं, इसका निर्णय विभाग ने लिया है और इनकी आपूर्ति के लिए आदेश भी दे दिया है। चूंकि जेम्स पोर्टल से खरीद होने पर किसी को कमीशन नहीं मिलता है, इसलिए मंत्री के दबाव में इनकी खरीद एवं आपूर्ति रोक दी गई है। इनकी खरीद विभाग के मंत्री विभागीय स्तर पर करना चाहते हैं। ऐसे ही कई अन्य आरोप श्री राय ने लगाये हैं। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष से राहुल कुमार की नियुक्ति की जांच कर उसे खारिज करने का निवेदन किया है।
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