spot_img
spot_img
Homeझारखंडकोल्हान प्रमंडलArka Jain university tribute Shibu Soren : दिशोम गुरु शिबू सोरेन के...

Related Posts

Arka Jain university tribute Shibu Soren : दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से AJU में शोक की लहर, गम्हारीय कैम्पस व सिटी ऑफिस में यूनिवर्सिटी परिवार ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

Jamshedpur : झारखंड की राजनीति, आदिवासी चेतना और सामाजिक न्याय के प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की खबर से पूरा राज्य शोक में डूब गया। उनकी विदाई ने न केवल राजनीतिक जगत बल्कि शैक्षणिक और सामाजिक जगत को भी गमगीन कर दिया है। इसी क्रम में जमशेदपुर स्थित अरका जैन यूनिवर्सिटी ने भी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। विश्वविद्यालय के गम्हरिया स्थित एकेडमिक सह एडमिनिस्ट्रेटिव कैंपस और बिष्टुपुर (धातकीडीह) स्थित सिटी ऑफिस में यह शोकसभा आयोजित हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकेतर कर्मी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

उनका योगदान युगों तक याद रखा जाएगा : डॉ. एसएस रजी

विश्वविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. एसएस रजी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “शिबू सोरेन न सिर्फ एक राजनेता थे, बल्कि झारखंड की आत्मा की आवाज थे। उन्होंने सदैव हाशिए पर खड़े समाज के लिए संघर्ष किया। आदिवासियों, दलितों और वंचित वर्गों की आवाज बनकर वे झारखंड को एक अलग पहचान दिलाने में सफल हुए। उनका निधन एक युग का अंत है। उनकी विरासत पीढ़ियों तक प्रेरणा देती रहेगी।”

आदिवासी अस्मिता के प्रतीक थे गुरुजी : डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव

निदेशक सह कुलसचिव डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “गुरुजी झारखंड की माटी से जुड़े हुए नेता थे। उन्होंने जल, जंगल और जमीन के अधिकार की लड़ाई लड़ी और उसे जनांदोलन का रूप दिया। वे हजारों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बने। अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना को साकार करने में उनका योगदान ऐतिहासिक है। उनकी सोच, नीतियां और संघर्ष आज भी युवाओं को रास्ता दिखाते हैं।”

झारखंड आंदोलन की आत्मा थे शिबू सोरेन : डॉ. ईश्वरन अय्यर

कुलपति डॉ. ईश्वरन अय्यर ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा:> “शिबू सोरेन ने राजनीतिक चेतना को झारखंड के गांव-गांव तक पहुंचाया। उनका जीवन संघर्ष, सादगी और सेवा का परिचायक था। वे केवल नेता नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक थे। झारखंड आंदोलन में उनकी भूमिका हमेशा इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगी।”

संघर्ष की मिसाल हैं गुरुजी : डॉ. अंगद तिवारी

प्रतिकुलपति डॉ. अंगद तिवारी ने कहा:> “गुरुजी का जीवन इस बात की मिसाल है कि कैसे एक सामान्य परिवार का व्यक्ति भी संघर्ष के बल पर राज्य निर्माण का इतिहास रच सकता है। उन्होंने राजनीति में नैतिकता और पारदर्शिता को सर्वोपरि रखा। उन्होंने आदिवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अथक प्रयास किया। उनकी जीवनगाथा आज के युवाओं के लिए मार्गदर्शक है।”

दो मिनट का मौन और श्रद्धा-सुमन अर्पणसभा की शुरुआत दो मिनट के मौन के साथ हुई, जिसमें सभी उपस्थितजनों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इसके उपरांत पुष्पांजलि अर्पित कर गुरुजी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। सभा का समापन शोकाकुल वातावरण में हुआ, जिसमें उपस्थित जनों ने यह संकल्प लिया कि वे दिशोम गुरु शिबू सोरेन के आदर्शों पर चलते हुए समाज, शिक्षा और सेवा के क्षेत्र में अपना योगदान देते रहेंगे।

इसे भी पढ़ें : Jharkhand Dishom Guru Shibu Soren Passes Away : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, राज्य में तीन दिन राजकीय शोक, विस का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

Latest Posts