- हिमंता बिस्वा सरमा ने लगाया सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप
Jamshedpur : हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड के मंत्री बन्ना गुप्ता पर हिंदू कट्टरपंथी को लेकर दिए गए बयान को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। सरमा का कहना है कि गुप्ता ने अपने भाषण में ऐसा बयान दिया, जिससे समाज में सांप्रदायिक वैमनस्यता फैलाने की कोशिश की गई है। सरमा ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि बन्ना गुप्ता को इस बयान के लिए तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
दरअसल, बन्ना गुप्ता ने एक चुनावी सभा में बयान दिया कि अगर कोई हिंदू कट्टरपंथी किसी मुस्लिम व्यक्ति के घर में घुसने का प्रयास करेगा, तो वह उसका विरोध करेंगे। इस पर सरमा ने सवाल उठाते हुए पूछा, “क्या कट्टरपंथ सिर्फ हिंदुओं में होता है?” उन्होंने यह भी कहा कि बन्ना गुप्ता के इस बयान से हिंदू समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की गई है।
निष्पक्ष चुनाव की मांग, सरयू राय का पुलिस पर आरोप
जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के एनडीए प्रत्याशी सरयू राय ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है। सरयू राय का कहना है कि पुलिस कांग्रेस के उम्मीदवार और मंत्री बन्ना गुप्ता के पक्ष में काम कर रही है, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठता है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि क्षेत्र में निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
सरयू राय के समर्थक की गिरफ्तारी, राजनीतिक हलकों में हलचल
बीते दिनों सरयू राय के करीबी समर्थक निमाई अग्रवाल उर्फ गिच्चू को गिरफ्तार किया गया था, जिससे क्षेत्र की राजनीति में उथल-पुथल मच गई। हालांकि, भाजपा समर्थकों के दबाव और कदमा थाने के घेराव के बाद पुलिस ने निमाई अग्रवाल को रिहा कर दिया। सरयू राय ने इसे अपनी पहली जीत के रूप में देखा और मामले की पूरी जानकारी चुनाव आयोग को दी। राय ने कहा कि चुनाव आयोग को उचित कदम उठाने चाहिए ताकि मतदाता निर्भीक होकर मतदान कर सकें और निष्पक्ष चुनाव का माहौल बना रहे।
बांग्लादेशी घुसपैठियों पर हिमंता का बयान
बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर भी हिमंता बिस्वा सरमा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ईडी की छापेमारी उन लोगों पर हो रही है, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में ला रहे हैं और उन्हें भारतीय नागरिकता दिलाने के प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना था कि ईडी की कार्रवाई किसी नेता के खिलाफ नहीं, बल्कि उन लोगों के खिलाफ है, जो देश में अवैध नागरिकों की एंट्री करवा रहे हैं।