Ranchi : झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के माहौल के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने एक बड़ा आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग की है। JMM ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई, जिसके चलते सोरेन के चुनावी कार्यक्रम में बाधा पड़ी।
मामला क्या है?
JMM प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के अनुसार, 4 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के गढ़वा और चाईबासा में दौरे के चलते उन इलाकों में नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया। इसी कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चुनावी दौरे में विलंब हुआ। भट्टाचार्य ने पत्र में बताया कि सोरेन दोपहर 1:45 बजे पश्चिमी सिंहभूम के गुदरी में सभा कर रहे थे और 2:25 बजे सिमडेगा के बाजार टांड में दूसरी सभा के लिए उड़ान भरने वाले थे, लेकिन उन्हें उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई।
“समान अवसर की मांग”
JMM ने पत्र में राष्ट्रपति से अपील की है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक आदिवासी समुदाय से आते हैं, और इस तरह का भेदभावपूर्ण व्यवहार उनके साथ नहीं होना चाहिए। भट्टाचार्य ने कहा, “राष्ट्रपति भी एक आदिवासी समुदाय से हैं और लंबे संघर्ष के बाद देश के सर्वोच्च पद तक पहुंची हैं। हम उनसे आग्रह करते हैं कि आदिवासी नेताओं को चुनाव में समान अधिकार और सम्मान मिले।”
प्रधानमंत्री का दौरा बना विवाद का कारण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झारखंड दौरा इस विवाद का कारण बना। प्रधानमंत्री को दोपहर 2:40 बजे चाईबासा में एक रैली को संबोधित करना था। JMM का कहना है कि चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन के दौरे की मंजूरी पहले ही दे दी थी, लेकिन प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर लगाए गए प्रतिबंधों से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न हुआ।
सुरक्षा के नाम पर लगाए गए थे प्रतिबंध?
JMM प्रवक्ता का कहना है कि चुनाव आयोग ने 50 किलोमीटर के दायरे में केवल 15 मिनट का नो-फ्लाई जोन लागू करने का निर्देश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री सोरेन के हेलीकॉप्टर को अनुमति देने में डेढ़ घंटे का विलंब हुआ। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर अनावश्यक प्रतिबंध बताते हुए निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया की मांग
राष्ट्रपति से आग्रह करते हुए JMM ने मांग की है कि वे सभी स्टार प्रचारकों को समान संवैधानिक सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करने का निर्देश दें। पार्टी ने कहा कि ऐसे व्यवधान आदिवासी समुदाय के नेताओं और उनके समर्थकों के मनोबल को कमजोर करते हैं।
JMM ने राष्ट्रपति से झारखंड चुनावों में निष्पक्ष और समान वातावरण बनाए रखने की अपील की है। पार्टी का मानना है कि चुनावी माहौल में सभी स्टार प्रचारकों को बिना भेदभाव के अपने कार्यक्रम आयोजित करने का अधिकार मिलना चाहिए ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे।
जैसे-जैसे झारखंड चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, यह मामला निश्चित ही चर्चा का विषय बना रहेगा। देखना होगा कि राष्ट्रपति मुर्मू इस मामले में क्या निर्णय लेती हैं और चुनाव आयोग इसे कैसे देखता है।
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